जो हमेँ थी नापसंद वो काम अब करते है वो
हर घड़ी हर बात पे अब दिल दुखा जाते है वो
वादा तो इस उम्र का था जो निभा सकते नही
वो मेरी थी और रहेँगी कह के भरमाते है वो
बेवफ़ाई वो करेँगे ये कभी सोचा न था
ज़िक्र मेरा करने मेँ भी अब तो शरमाते है वो
कल तलक दुख मेँ मेरे घबरा के रो देते थे जो
कोई रोये फ़र्क क्या अब हँस के बतियाते है वो
जो निधि मेरे थे अबतक बात से वो छल गये
'सारथी' मौसम बदलते ही बदल जाते है वो
हर घड़ी हर बात पे अब दिल दुखा जाते है वो
वादा तो इस उम्र का था जो निभा सकते नही
वो मेरी थी और रहेँगी कह के भरमाते है वो
बेवफ़ाई वो करेँगे ये कभी सोचा न था
ज़िक्र मेरा करने मेँ भी अब तो शरमाते है वो
कल तलक दुख मेँ मेरे घबरा के रो देते थे जो
कोई रोये फ़र्क क्या अब हँस के बतियाते है वो
जो निधि मेरे थे अबतक बात से वो छल गये
'सारथी' मौसम बदलते ही बदल जाते है वो
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