उनके आने भर से ये मौसम गुलाबी है
हर अदा उनकी लगे जैसे नवाबी है
उनका आना और जाना आँशुओँ में बोर दे
और वो समझे की आँखों में खराबी है
हमने उनको खत लिखा और उन तलक पंहुचा भी वो
और वो समझे नही की ये जबाबी है
उनका चेहरा ही दिखे हर ज़ाम को पीने के बाद
सब समझते है की ये आशिक़ शराबी है
ढाई आखर प्रेम के उनको निधि बस मानिये
'सारथी' फिर क्यों कहे ये सब किताबी है
हर अदा उनकी लगे जैसे नवाबी है
उनका आना और जाना आँशुओँ में बोर दे
और वो समझे की आँखों में खराबी है
हमने उनको खत लिखा और उन तलक पंहुचा भी वो
और वो समझे नही की ये जबाबी है
उनका चेहरा ही दिखे हर ज़ाम को पीने के बाद
सब समझते है की ये आशिक़ शराबी है
ढाई आखर प्रेम के उनको निधि बस मानिये
'सारथी' फिर क्यों कहे ये सब किताबी है
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