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Sunday, 18 September 2011

तेरी याद आ गई ............

फिर छा गई है बदरी , तेरी याद आ गई
फुलोँ पे देख भँवरे तेरी याद आ गई

जब भी की कोशिशेँ मैँ भुलने की वो शमां
अनजाने रहगुजर से तेरी याद आ गई

तुमको नहीँ पता मैँ करता हूँ इंतजार
तुम आओ या न आओ तेरी याद आ गई

आमोँ की डालियोँ पर कोयल की सुनकर
फुलोँ की क्यारियोँ मेँ तेरी याद आ गई

सबने हमीँ से पुछा पुनम की चाँद को
वो बात क्या छुपायी तेरी याद आ गई

मौसम ने की शिकायत जिँदगी से एक दिन
मैँ रह गया था तन्हा तेरी याद आ गई

चाहा जो जाना इकदिन खुद से खुदा से दुर
है शुक्र - ए - खुदाया तेरी याद आ गई

है ऐतबार मुझको वफा पे मेरे सनम
सुना लफ्ज़े बेवफ़ाई तेरी याद आ गई

होता जो कोई मेरे दिल का भी ' सारथी '
कोशिश की ढुढने की तेरी याद आ गई

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