फिर छा गई है बदरी , तेरी याद आ गई
फुलोँ पे देख भँवरे तेरी याद आ गई
जब भी की कोशिशेँ मैँ भुलने की वो शमां
अनजाने रहगुजर से तेरी याद आ गई
तुमको नहीँ पता मैँ करता हूँ इंतजार
तुम आओ या न आओ तेरी याद आ गई
आमोँ की डालियोँ पर कोयल की सुनकर
फुलोँ की क्यारियोँ मेँ तेरी याद आ गई
सबने हमीँ से पुछा पुनम की चाँद को
वो बात क्या छुपायी तेरी याद आ गई
मौसम ने की शिकायत जिँदगी से एक दिन
मैँ रह गया था तन्हा तेरी याद आ गई
चाहा जो जाना इकदिन खुद से खुदा से दुर
है शुक्र - ए - खुदाया तेरी याद आ गई
है ऐतबार मुझको वफा पे मेरे सनम
सुना लफ्ज़े बेवफ़ाई तेरी याद आ गई
होता जो कोई मेरे दिल का भी ' सारथी '
कोशिश की ढुढने की तेरी याद आ गई
No comments:
Post a Comment