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Tuesday 26 May 2015

किस बात पर कहते हो तुझे प्यार है

किस बात पर कहते हो तुझे प्यार है
छोड़ कर जाना ही तेरा इक़रार है

कर दिया सौदा वफ़ा का मेरे सनम
क्यों, अब भी इस बात से इंकार है

गिना दी तूने मजबूरियाँ कई सारी
हालात में ढलना ही तेरा प्यार है

थी उम्मीद की समझोगे मेरे प्यार को
तेरी अदा से वफ़ा भी दागदार है

लड़ लोगे ज़माने से कहते रहे थे तुम
कहा भी नहीं, कोई और राज़दार है 

 

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