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Thursday, 27 September 2012

जबसे तुने मुझे किया तन्हा

जबसे तुने मुझे किया तन्हा ,
मर के हरपल को मै जिया तन्हा

गो की दिल पर हुए थे जख्म बड़े ,
दिल के जख्मों को फिर सिया तन्हा

वक़्त रोने के जब कोई कांधा न मिला ,
सबसे छुप करके रो दिया तन्हा

कैसे कर लूं किसी पे फिर से यकीं ,
जबकि तुमने मुझे किया तन्हा

यु तो सच है की मैं नही पीता,
तुने दी गम तो पी लिया तन्हा

Monday, 24 September 2012

वो लड़की मुझे दिवानी लगे है

उसकी आँखों में कोई कहानी लगे है ,
वो लड़की मुझे तो दिवानी लगे है .

जब भी मिलती मुझे, कैसी लगती कहूँ
लव पे मुस्कान आँखों में पानी लगे है

यू ही खामोश रहना, झुकाकर नज़र
उसकी ख़ामोशी कोई कहानी लगे है

उस से मिलना भले इत्तेफाकन सही
पर खुदा की कोई मेहरबानी लगे है

करती मुझको परेशां घड़ी, हर घड़ी
फिर भी मुझको मेरी जिंदगानी लगे है